एक हाथ का ही फासला कि ख्वाब में ही छू ले... क्यों लगे कोसों की दूरी, ये मजबूरियां ही बताएंगी एक हाथ का ही फासला कि ख्वाब में ही छू ले... क्यों लगे कोसों की दूरी, ये मजबूरिया...
कई सारे किताबें लिखी गई है कई सारे किताबें लिखी गई है
शूल नहीं पथ में मानव के, भूलें सदा चुभा करतीं हैं। शूल नहीं पथ में मानव के, भूलें सदा चुभा करतीं हैं।
फिर क्यूं ये रिश्ता मरणासन्न की ओर बढ़ रहा है। फिर क्यूं ये रिश्ता मरणासन्न की ओर बढ़ रहा है।
फूलों के मधुर स्पर्श का अहसास तभी होता है जब कांटों की चुभन महसूस हो, फूलों के मधुर स्पर्श का अहसास तभी होता है जब कांटों की चुभन महसूस हो,
उस एहसास ने ही मेरे आसमाँ की ऊंचाइयों को कम कर दिया। उस एहसास ने ही मेरे आसमाँ की ऊंचाइयों को कम कर दिया।